Sunday, November 28, 2010



रामू और मोहिनी की मुलाकात अचानक से स्थानीय बाज़ार में  हो गई और मोहिनी ने रामू को जैसे ही देखा तो बोल पड़ी .....
मोहिनी ....रामू तुम यहाँ ?......
रामू -..हाँ कुछ किताबें खरीदनी थी सो इधर को चला आया ....
रामू ....पर तुम यहाँ क्या कर रही हो?....
मोहिनी ...मम्मी ने मुझे फूल की खरीदारी के लिए भेजा है इसलिए यही पास के नर्सरी  तक जा रही हूँ ....
रामू ....आवो चलकर हम दोनों खरीदारी करें ....


इसतरह से दोनों ने अपनी-अपनी खरीदारी पूरी कर ली और घुमने फिरने के बाद एक रेस्तौरेंट में बैठकर कुछ नास्ता किया फिर कुछ मीठी-मीठी बातें की और मौका देख कर रामू ने मोहिनी को पर्पोज   कर दिया ...और फिर अपने प्यार का इजहार किया ....मोहिनी भी अन्दर से बहुत खुश  थी ...और मानो  उसके मन में जैसे लड्डू फुट रहे हो ...परन्तु शर्म के मारे उसका तो बुरा हाल हुआ जा रहा था....

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