Wednesday, November 3, 2010


रामू को किसी तरह उसके घर ले जाया गया ....वहां अपने माता पिता से सारा हाल सुनाया ....रामू के घरवालों ने सुल्झानपुर निवासियों का धन्यवाद् किया ......

परन्तु मंगलूँ के घरवालें बहूत परेशान थे सब रो रहे थे ....उसकी मम्मी के जुबान पे सिर्फ एक ही सब्द बार बार .... आ रहा था कोई मेरे बच्चे को ढूंढो .......इस तरह से १० दिन गुजर गया ..... लेकिन मंगलू वापिस नहीं आया ......

ठीक १० दिन के बाद मंगलू अपने आप ही घर लौट आया ...अपने साथ एक बांसूरी भी साथ लाया ..... फिर उसने सबको बताया .... उसके दोस्त ने यह गिफ्ट में दिया .... परंतू अभी भी जहाँ से वह वापिस आया है उसको वहां का रास्ता नहीं .... मालूम ....सिर्फ  रामू को उसने बताया ... के ये बासूरी ...मुझे मेरे दूसरी दुनिया के दोस्त ने दिया है ....यह बासूरी मेरे मुसीबत में काम आने वाली है .....

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