Monday, January 24, 2011



मंगलू और रामू दोनों ने मिलकर यह फैसला किया, के हम आज फिर से उसी जगह पे जायेंगे जहाँ पे उस शैतान  ने हमें पकड़ने की कोशीश की थी ....
रामू- ठीक है लेकिन इसके बारे में हमें शाहीन परी को पहले से ही इत्तला कर देनी चाहिए ....
मंगलू - हाँ हाँ ...और इस तरह से परी रानी को ये बता दिया गया .....

अब दोनों दोस्त और परी रानी तीनो उसी झाडी  के पास खड़े हो कर आपस में बातें कर रहे थे के अचानक...झाडी की तरफ से तेज-तेज हवा बहती  हुई आई और दोनों रामू और मंगलू जमीन पे गिर पड़े  ....जब शाहीन परी ने ये माजरा देखा तो तुरंत ही इस जादुई हवा को अपने जादू से बेअसर कर दिया ....
और फिर क्या था शैतान  तिलमिला गया और झाडी की तरफ से आगे बढ़कर रामू और मंगलू की तरफ आ गया ...सैतान ने अपने एक उंगली से आग  के गोले निकालने  लगा और चारो तरह आग के शोलों ने रामू और मंगलू को घेर लिया ...शाहीन  परी ने बांसुरी की मदत से उस जादू को भी बेअसर कर दिया ...और फिर शैतान पर अपना हमला बोल दिया ....
शैतान को पानी से भरे हुए एक दरिया की तरफ मारते  हुए ले गए तीनो मिलकर और ...फिर शाहीन  परी ने एक खंजर से शैतान  के सर पर  वार कर दिया इस तरह से शैतान  वही ढेर हो जाता है लेकिन ...फिर सामने देखा तो बहुत सारा सैतान सामने आ गया ...फिर शाहीन  परी ने अपने सहेलियों और परी की दुनिया से बहुत से दुसरे परियों को फ़ोन कर के बुला लिया ...और फिर घमासान लड़ाई  होने लगी  ...अंततः वहां पे उपस्थित सारे शैतान मारे जाते है .....फिर शाहीन  परी की सादी मंगलू के साथ संपन होती है उसके परिवार वालों के सामने.... और तब तक मोहिनी और रामू भी पढ़ाई पूरी करके ..अपने करियर की शुरुआत कर चुके होते है ...रामू और मोहिनी की भी शादी  हो जाती ही उनके परिवार वालो की सहमती से .....
 







Sunday, January 16, 2011


शाहीन  परी अपने सहेलियों के साथ अपने एक ख़ास सहेली के घर उसके शादी  के मौके पे पहुँचती है ...तो वहां पर अचानक अपने अब्बू जान को देखकर हैरान रह जाती है ...शाहीन परी अपने पापा से पूछती है ...पापा आप यहाँ  ? ...

शाहीन के पापा का नाम जैसा की तिल्मिस्तान मियां  है उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा ...हाँ बेटे मैं भी एहां  इसलिए आ गया हूँ क्यों की इसी बहाने तुम्हारे लिए भी कोई अच्छा  सा लड़का ढूंढ़ लिया जाए ....
शाहीन परी .... पापा आप भी न !... और यह कह कर शाहीन परी शरमा कर वहां से वापस अपने सहेलियों के बिच चली जाती है और वहां उनके साथ नाचती गाती  है .... और फिर जब शादी  की सारी  रश्में पूरी हो जाती है तो वहां से अपने पापा के साथ अपने घर को चली जाती है .......

Friday, January 7, 2011


रामू और मोहिनी  दोनों ने १२वि की परीक्छा पास कर ली और फिर दोनों ने शहर  के कॉलेज में बी.एस.सी  में प्रवेश  ले लिया...
फिर क्या था रामू और मोहिनी को तो जैसे  खुला हुआ आसमान मिल गया ...दोनों का प्यार परवान चढने लगा ..
ये बात और है की दोनों अभी तक  छुप-छुप कर मिलते थे ... लेकिन अब वो मजा जाता रहा और फिर दोनों पढाई की तरफ ध्यान भी लगाने लगे, क्यों की मोहिनी ने रामू को ये हिदायत दे डाली के, पहले हम दोनों को अपना अपना भविष्य  बनाना चाहिए ... सो दोनों ही इस सुभ कार्य में लग गए... रामू पढ़ लिखकर एक सफल Engineer बनना चाहता है और मोहिनी एक सफल डॉक्टर बनना चाहती है ........