शाहीन परी अपने सहेलियों के साथ अपने एक ख़ास सहेली के घर उसके शादी के मौके पे पहुँचती है ...तो वहां पर अचानक अपने अब्बू जान को देखकर हैरान रह जाती है ...शाहीन परी अपने पापा से पूछती है ...पापा आप यहाँ ? ...
शाहीन के पापा का नाम जैसा की तिल्मिस्तान मियां है उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा ...हाँ बेटे मैं भी एहां इसलिए आ गया हूँ क्यों की इसी बहाने तुम्हारे लिए भी कोई अच्छा सा लड़का ढूंढ़ लिया जाए ....
शाहीन परी .... पापा आप भी न !... और यह कह कर शाहीन परी शरमा कर वहां से वापस अपने सहेलियों के बिच चली जाती है और वहां उनके साथ नाचती गाती है .... और फिर जब शादी की सारी रश्में पूरी हो जाती है तो वहां से अपने पापा के साथ अपने घर को चली जाती है .......
यदि आप हिन्दू है तो हिन्दू कहलाने में संकोच कैसा. अपने ही देश में कब तक अन्याय सहेंगे. क्या आपको नहीं लगता की हमारी चुप्पी को लोग हमारी कायरता मानते हैं. एक भी मुसलमान बताईये जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहता हो. फिर हम ही क्यों..? सच लिखने और बोलने में संकोच कैसा. ?
ReplyDeleteयदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करने वाले हिन्दू हैं तो
आईये " हल्ला बोल" के समर्थक बनकर धर्म और देश की आवाज़ बुलंद कीजिये... ध्यान रखें धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले दूर ही रहे,
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