मंगलू अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था के अचानक ही उसका एक और मित्र जिसका नाम मोसित था वहां आ पंहुचा …
मंगलू - मोसित तुम यहाँ ? क्या बात है ? सबकुछ ठीक तो है ?
मोसित :- हाँ यार सबकुछ ठीक है बस एक चिंता सताए जा रही है
हम लोग सिर्फ क्रिकेट ही खेलते रहेंगे या कुछ और भी करेंगे ?
मंगलू - बता क्या बात है ?
मोसित - अरे यार आज मुझे मम्मी ,पापा से बहुत डाट सुनने को मिली
उनका कहना था के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है .. इसलिए
पढाई लिखाई के साथ ही अगर पार्ट टाइम काम करके कुछ कमा लेते तो
पापा मम्मी का कुछ सहारा बनते …
मंगलू - अच्छा तो ये बात है, तुम आज मेरे साथ शाम को ५ बजे चलना
तुझे मेरे एक अंकल से मिलवा दूंगा जो की एक बहूत ही अच्छे सी.ए है ..
तुझे वो पार्ट टाइम में काम पर रख लेंगे और तुम्हारी समस्या का समाधान हो जायेगा ….
मोसित … हाँ यार ये तो बहूत ही अच्छा रहेगा और ..इसके साथ ही मेरी ये समस्या भी दूर हो जायेगे …
फिर दोनों मंगलू और मोसित अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने लगे …….
और उसके बाद मंगलू ने मोसित को अपने अंकल के पास काम पर रखवा दिया …
मंगलू … जैसे ही अंकल के घर से निकला था के एक साया उसके पीछे-पीछे आने लगी … मंगलू को इस बात का अहसास हो गया …
जैसे ही वह मुड़कर देखा तो पाया के एक चुरैल जिसके दोनों पैर पीछे की तरफ था लेकिन मुह आगे की तरफ …मंगलू की तरफ झपटी ….
लेकिन मंगलू के पास वो जादुई बांसूरी थी …इसलिए उस चुरैल का कोई भी जादू काम नहीं कर रहा था ….
अंत में चुरैल और मंगलू के बिच खूब घमाशान युद्ध होता है परन्तु जीत मंगलू की ही होती है ..
अंत में मंगलू किसी तरह से लंगारता हुआ अपने घर आ जाता है … लेकिन किसी को कुछ नहीं बताता है ….
और खाना खा कर सो जाता है ….
No comments:
Post a Comment