अब फिर क्या था मंगलू को जैसे न दिन में चैन न रात में चैन .आखिर कार उसने गहन चिंतन शुरू कर दी की...... आखिर क्या बात है ...जिसकी वजह से शैतान मेरे पीछे पड़ा है ? ....कुछ समझ में नहीं आ रहा था ...इसलिए उसने मिलबैठकर इस समस्या का हल निकलने के लिए सोंचा ...और फिर क्या था रामू और मंगलू दोनों एक जगह बैठ कर इस समस्या के बारे में मिलकर बिचार किया और इस नतीजे पर पहुचे ...की मंगलू के पास जो जादुई बांसुरी है इसमें ही जरूर कोई बात है ...इस वजह से शैतान हमारे पीछे पड़ा है रामू ने भी इस बात से सहमती जताई ...फिर क्या था मंगलू ने बांसुरी बजाकर परी रानी जिसका नाम शाहीन परी है उसको अपने पास बुलाया ...और फिर उसने इस बांसुरी के बारे में ज्यादा मालूमात शुरू कर दी ....परी रानी ने बताया की इस बासुरी से एक ऐसी आवाज निकाली जा सकती है जिसे सुनकर शैतान को अपने बस में किया जा सकता है ....
मंगलू - तो परी रानी हमें वो आवाज निकालना सिखा दो .
शाहीन परी--- तो ठीक है एक बार लम्बी और एक बार धीमी और फिर तिन बार लम्बी आवाज निकालने से ऐसा होता है ...
मंगलू..अच्छा?
रामू .. ठीक है अगली बार से जब भी सैतान हमारे पास आकर यह बांसुरी छिनने की कोशिश करेगा हम ऐसा ही करेंगें...
मंगलू .. भला शैतान हमारे बांसुरी को छिनना क्यों चाहता है ?
रामू... इसलिए की सैतान इस बांसुरी को लेकर हमसे जो चाहे ,जब चाहे वो काम करवा सकता है ...
और इस तरह से बुरे कामो के लिए अपना शैतानी राज्य स्थापित कर के हमारा इस्तेमाल कर सकता है ...
मंगलू .. अच्छा ? फिर तो हमें इसका तुरंत ही हल निकलकर इसको खत्म कर देना चाहिए ...
शाहीन परी.. अच्छा तो अब हमें इजाजत दो तुम लोग हमें तुरंत ही अपने देश में जाना होगा ..कहीं मेरे मम्मी पापा को यह बात पता न चल जाए की मैंने आदम जात से दोस्ती कर रखी है ....
मंगलू .. ठीक है शाहीन तुम जावो हम सब संभाल लेंगे अगर तुम्हारी जरूरत पड़ी तो हम तुम्हें बुला लेंगे....
और इस तरह से परी रानी अपने देश "परियों के देश" में चली जाती है और दोनों दोस्त भी अपने अपने कार्यों में जी-जान से जुट जाते है .......
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